ये महफ़िल भी हो जाएगी वीरान एक दिन, इस शरीर से भी निकल जाएगी जान एक दिन....... हम जो महफ़िलों में बैठकर बना रहे हैं रोज़ाना, मेरे दोस्त फ़ीकी पड़ जाएगी ये पहचान एक दिन..... गर वो खुश है किसी और के साथ ज़िंदगी में, तो आखिर हम उसको क्यों ही परेशान करें............ इसलिए कहते हैं ज़िंदगी हंसी-खुशी से जियो, क्योंकि जाना तो सबको ही है श्मशान एक दिन...... ©Poet Maddy ये महफ़िल भी हो जाएगी वीरान एक दिन, इस शरीर से भी निकल जाएगी जान एक दिन....... #Gathering#Life#Body#Friend#Identity#Fade#Happy#Bother#Crematorium..........