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तड़पता है मन घर की याद में, मेहनत है मंज़िल की आस

तड़पता है मन घर की याद में,
मेहनत है मंज़िल की आस में,
मिलती नहीं कोई कहानी इतिहास में,
जिससे मिलती जुलती हो मेरी दास्तां,
तो क्यूं न तू इतिहास रच दे।
दुनिया एक नई मिसाल दे।

©Akhil Kael
  #DiyaSalaai  Sherni... neelu Sethi Ji Arpita+ve soul Satyaprem Upadhyay