बेटी हूँ तो क्या..? तुम मेरा तिरस्कार करोगे। देखना एक दिन तुम मुझे ही स्वीकार करोगे। मैं तुम्हारे घर को खुशियों से भरने आई हूँ । बिना मेरे कैसे अपना आँगन गुलजार करोगे। यकीन ना हो तो मेरे बिना ही जीने की सोचना। बिना मेरे तुम खुद की ही जिंदगी बेज़ार करोगे। 🌝प्रतियोगिता-82 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹" बेटी हूँ तो क्या...??"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I