आज की पार्टी, बड़ी मशहूर थी | देने वाली भी वो ,बड़ी माशूम थी | मैंने सोचा की ,वो दिल से नादान थी | सच कहू तो वो ,दिल से जाबाज थी | आज खुश थे सभी ,जो उनके मेहमान थे | क्या बताऊ तुम्हे ,जो उनके अंदाज थे | हुए घायल कई ,जो भी नाराज थे | अब कैसे बताऊ , ये दिल के राज थे | उनकी नजरे भी सबको ,अब पढ़ने लगी | देखकर ये नज़ारा ,वो हसने लगी | वो नज़ारा भी उनको ,अजब सा लगा | दी बधाई जो उनको ,तो गजब सा लगा | देखकर उपहार ,उनको गम सा लगा | ठहरा दिल जो ,फिर से धड़कने लगा | वो तो महफ़िल में भी, अब सरमाने लगे | जब गजल को यू हम गुनगुनाने लगे | बात ही बात में, छोड़ सब कुछ दिया | भूलकर जब सभी ,जाम को जब पिया | वो जाम भी आज ,उनको पानी लगा | देखकर ये नज़ारा ,एक कहानी लगा देखकर ये नज़ारा ,एक कहानी लगा # आज की पार्टी बड़ी मशहूर थी |