ज़िंदगी ने हमें धोखा दिया जितनी भी बार हमने ना मानी उससे कभी भी हार लड़खड़ाए कदम और हम गिरे भी ख़ुद को हमने सम्भाला ख़ुद ही हमारा ख़ुद पर विश्वास सदा कायम रहा अपनी राह का हमने ही निर्माण किया चलना शुरू कर दिया है हमने अपनी मंज़िल की ओर किसी भी नकारात्मक विचार पर करते नहीं हम गौर हम तैयार हैं अब जीवन के हर संघर्ष के लिए हम जी रहे हैं अब सिर्फ़ अपनी ख़ुशी के लिए प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कलमकार-की- तलाश✍✍ का followers होना अनिवार्य है अन्यथा आपकी रचना स्वीकार नही की जायेगी । 👉 Collab पुर्ण करने के पश्चात दिए हुए पेज में comment में Done लिखकर ही mention करे , अन्यथा मान्य नही होगा । 👉 कृपया एक रचनाकार द्वारा एक ही comment किया जाए । 👉 कृपया एक प्रतियोगी एक ही एक ही रचना करे, अन्यथा आपकी रचना अमान्य कर दी जाएगी ।