ये दिसम्बर का महीना चाय और तुम और क्या चाहिए अब तुम नही हो तो अब रजाई लेता हूँ सुबह होती है बस चाय लेता हूँ पर वो मिठास नही है मोटे रजाई मे भी नींद नही है ©Advin Raj #morningchai #december