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दीवाली में दीपक, दीपक से रोशनी अपार हो, कोरोना हो

दीवाली में दीपक, दीपक से रोशनी अपार हो,
कोरोना हो या कारनामे उसकी आयु में रूकावटें हज़ार हो।
ऐ मेरे खुदा सभी की ज़िन्दगी से इस ग़म का नाश हो,
और इस दिवाली सबके घरों में एक साथ खुशियों की बौछार हो।

(हैप्पी दीपावली मेरे प्यारे देशवसियों)

©Mahtab Khan तुम्हारे साथ जीने का जो मज़ा आया है,
तभी तो हूं तेरे इश्क़ का मुरीद ए सनम।

ना जाने कितनी ठोकरों का रहबर बना हूं मै,
बाद में तेरे दहलीज पर पहुंचा हूं बेहतर सनम।

ये मोहब्बत और इश्क़ तुझे देखने के बाद पता चला मुझे,
नहीं तो सिर्फ मेरे ख्वाब में दिल को सुकून दिया करती थी सनम।
दीवाली में दीपक, दीपक से रोशनी अपार हो,
कोरोना हो या कारनामे उसकी आयु में रूकावटें हज़ार हो।
ऐ मेरे खुदा सभी की ज़िन्दगी से इस ग़म का नाश हो,
और इस दिवाली सबके घरों में एक साथ खुशियों की बौछार हो।

(हैप्पी दीपावली मेरे प्यारे देशवसियों)

©Mahtab Khan तुम्हारे साथ जीने का जो मज़ा आया है,
तभी तो हूं तेरे इश्क़ का मुरीद ए सनम।

ना जाने कितनी ठोकरों का रहबर बना हूं मै,
बाद में तेरे दहलीज पर पहुंचा हूं बेहतर सनम।

ये मोहब्बत और इश्क़ तुझे देखने के बाद पता चला मुझे,
नहीं तो सिर्फ मेरे ख्वाब में दिल को सुकून दिया करती थी सनम।
wrmahikhan5757

Mahtab Khan

Bronze Star
New Creator