विनती है द्वार मैया करो बेड़ा पार मैया, बिटिया के मन की भी सुन लो पुकार माँ। घट घट वासी दाती दर्शन दे दो मुझे, अपनी शरण लेलो करो बेड़ापार माँ।। मात आदिशक्ति आप आप भव तारिणी हो, फंसी देखो नाव मेरी बीच मझधार माँ।। निज कामना को लिए भटकी हूँ द्वार द्वार, आई हूँ शरण मेरा कर दो उद्धार माँ।। ©माधुरी"मुस्कान"शर्मा मैया