तुझे जरा सा भी अंदाजा नहीं है मेरे नसीब का आज भी.. मेरी जिस किस्मत की लकीर को तू बेवफा बताता था.. निकाल फेंका उसी ने तुझे मेरी हथेली पर से..❤❤ Qaisar Ryu __मुकेश-- Akshita Jangid(poetess) Kavita Gautam