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तुझे जरा सा भी अंदाजा नहीं है मेरे नसीब का आज भी..

तुझे जरा सा भी अंदाजा नहीं है मेरे नसीब का आज भी..
मेरी जिस किस्मत की लकीर को तू बेवफा बताता था.. निकाल फेंका उसी ने तुझे मेरी हथेली पर से..❤❤ Qaisar Ryu __मुकेश-- Akshita Jangid(poetess) Kavita Gautam
तुझे जरा सा भी अंदाजा नहीं है मेरे नसीब का आज भी..
मेरी जिस किस्मत की लकीर को तू बेवफा बताता था.. निकाल फेंका उसी ने तुझे मेरी हथेली पर से..❤❤ Qaisar Ryu __मुकेश-- Akshita Jangid(poetess) Kavita Gautam
annuyadav6802

Annu yadav

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