नियमों का उल्लंघन ************** कृपा अनुशीर्षक में पढ़ें क्षणभंगुर इस संसार में सब पहले से नियमित है,नियम बनाए जाते हैं एक आदर्श देश बनाने के लिए और हम सब का फर्ज़ है उन नियमों का पालन करना। प्रकृति के नियम अनुसार सूर्य उदय और अस्त होता है सोचो अगर ये नियमित ना रहे तो सारा संतुलन बिगड़ जाएगा। "बिना लगाम घोड़ा" जैसी स्थिति हो जाती है अगर नियमशैली ना हो तो, हम सब आदर्श देश के वासी हैं तो, हम सबके लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य है परंतु गर्म और जोशीली पीढ़ी नियमों को बंदिश मानती है और लगातार इसका उल्लंघन करती है। 1."करोना कॉल" जैसी महामारी में प्रशासन