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तेज गर्मी को है यूं भगाया धीरे-धीरे अब कोहर


 
 
 
तेज गर्मी को है यूं भगाया
धीरे-धीरे अब कोहरा छाया
पसीने से राहत मिली और
मौसम ने अब ठंडा मोड़ लाया
इधर उधर की आंधी भगा दी
रिम-झिम बारिश भुला दी
सुबह उठना मुश्किल कर डाला
सुस्ती की आदत सबको लगा दी
कपड़ों की अलमारियां खुलने लगी
दिन में कम, रात में ठंड ज्यादा लगी
छोटी लकड़ियों की आग को घेरते हुए
बिस्तर जल्दी लगाने की आदत सबको लगी
दोपहिया चलाना मुश्किल हो गया
पहले से अब ट्राफिक कम हो गया
तापमान धीरे-धीरे अब गिरने लगा
और देखते-देखते दिसंबर आ गया
क्रिसमस, नए साल की तैयारियां शुरू हो गई
सजावट से ठंड की जंग हुई
लोग समझ ना सके- घूमे या सो जाए
ठंड ने सबको नानी याद दिलाई
रोज सुबह सूरज का इंतजार होने लगा
कभी नौ तो कभी बारह बजे निकलने लगा
शरीर में कपड़ों की गिनती बढ़ने लगी
नहाना और भी मुश्किल होने लगा
सब्जियां सस्ती होने लगी
खाने में रुचि बढ़ने लगी
जुखाम, सर्दी- सबने वापसी की
सबसे ज्यादा ठंड नाक को लगी
जनवरी ने सब को मजा चखाया
और फरवरी में जाने का निर्णय लिया
मार्च होते होते विदाई ले ली
गर्मी का मौसम फिर वापस आ गया ॥

©lavanyabeauti
  #sadak #Beauty_of_Life