जब चल भी न पाते थे, तब पापा ऊँगली थामे चलाते थे जब बोल भी न पाते थे, तब माँ साथ-साथ तुतलाती थी जब घर में तंग हो जाते थे, तब पापा बाहर घूमा लाते थे जब भूख़ से तिलमिलाते थे, तब माँ रोटी खिलाती थी जब खिलौनों से उख़्ता जाते थे, तब पापा खुद खिलौना बन जाते थे जब नींद नहीं आती थी, माँ गोद में लेकर लोरी सुनाती थी जब पढ़ना नहीं आता था, पापा कविता सुनाते थे जब बदमाशी होती थी, माँ का आँचल बचाता था जब पैसों का दर्द सताता था, पापा का बचत ख़ाता काम आता था वो तब भी माँ-पापा थे, वो आज भी माँ-पापा ही हैं। न जाने हम कब और कैसे, अपनी जिंदगी की दौड़ में छोड़ आए उनको कहीं पीछे, जाना भी नहीं ये गौर से। गर साथ जो ले चलें उन्हें भी, जीवन खुशियों से भर जाए बने उनका सहारा अब हम और ये जीवन तीर्थ सा सँवर जाए। #RespectYourParents #MaaPapaLove #FreakySatty #YQbaba