आंसू जाम से छलक रहा था और वो इश्क़ धुएं में उड़ा बैठे दरिया भी पानी को तड़प रहा था और वो खामोशी का समंदर लुटा बैठे हम दर्द-ए-दिल की मंज़िल तलाश रहे थे और वो जिस्म को रास्ता बना बैठे ©Manku Allahabadi Shades of life ................................ आंसू जाम से छलक रहा था और वो इश्क़ धुएं में उड़ा बैठे दरिया भी पानी को तड़प रहा था और वो खामोशी का समंदर लुटा बैठे