Pyar aur Dosti कोर आंखों के अब फिर से द्रवित हो रहे हैं जबसे जाना है कि जाना अबकी बारी फिरसे तुमको बड़की भाभी कह रहीं तुम अब न लौटोगे यहाँ, बोलो प्रियतम अपनी चन्दा छोड़ जाओगे कहाँ, जो नयन कभी न मिले थे आज क्षण भर न झुके, इक घड़ी आंखें न बन्द हो अश्रु-धारा न रुके, मन व्यथित अब हो रहा है, चैन खोया मेरा तबसे, जबसे जाना है कि जाना अबकी बारी फिरसे तुमको.. कोर आंखों के.... कितनी बातें हैं अधूरी जो कभी हम कह न पाये, और तुमने भी कहा न, वो थे जो हम सुनना चाहें, देखते थे इस हृदय के पास आते रोज तुमको, एक होकर भी कभी हम एक होकर मिल न पाये, लो विदाई गीत गाकर आज हम तुमको सुनायें, जबसे जाना है कि जाना अबकी बारी फिरसे तुमको कोर आंखों के अब फिर से द्रवित हो रहे हैं जबसे जाना है कि जाना अबकी बारी फिरसे तुमको... #NojotoQuote विदा गीत