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माँ:शब्द नही एक खास एहसास माँ, पूर्ण शब्द, पूर्ण

माँ:शब्द नही एक खास एहसास

माँ,
पूर्ण शब्द,
पूर्ण जीवन,
पूर्ण स्वप्न ।

माँ,
ज़िंदगी की कलम,
रेगिस्तान में ठंडी पवन,
बच्चे की पहली सनम ।

माँ,
कभी कांटों सी ,
कभी फूलों सी ,
कभी मुश्किलों सी तो कभी रास्तों सी ।

माँ,
कभी फटकारती,
कभी पुचकारती,
कभी प्यारी सी तो कभी रौद्र महाकाली सी । 

माँ,
पल में गुस्सा होती,
पल में मान जाती ,
वो माँ है साहब ,
कहाँ संतान बिन रह पाती। #maa #mothersday #motherslove #love #poetry #iloveyoumumma #hindi #writing
माँ:शब्द नही एक खास एहसास

माँ,
पूर्ण शब्द,
पूर्ण जीवन,
पूर्ण स्वप्न ।

माँ,
ज़िंदगी की कलम,
रेगिस्तान में ठंडी पवन,
बच्चे की पहली सनम ।

माँ,
कभी कांटों सी ,
कभी फूलों सी ,
कभी मुश्किलों सी तो कभी रास्तों सी ।

माँ,
कभी फटकारती,
कभी पुचकारती,
कभी प्यारी सी तो कभी रौद्र महाकाली सी । 

माँ,
पल में गुस्सा होती,
पल में मान जाती ,
वो माँ है साहब ,
कहाँ संतान बिन रह पाती। #maa #mothersday #motherslove #love #poetry #iloveyoumumma #hindi #writing