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मुहब्बत है किसीसे, तो उसे बाँधो मत, रिहा करो, इश्क

मुहब्बत है किसीसे, तो उसे बाँधो मत, रिहा करो,
इश्क कोई कैदखाना नहीं, ज़िंदगी है, जिया करो।

कभी रिहाई मुहब्बत है, तो कभी मुहब्बत रिहाई,
तो जाम-ए-मुहब्बत में रिहाई मिलाकर पिया करो। AfterLongTime #loveIsSettingFree
मुहब्बत है किसीसे, तो उसे बाँधो मत, रिहा करो,
इश्क कोई कैदखाना नहीं, ज़िंदगी है, जिया करो।

कभी रिहाई मुहब्बत है, तो कभी मुहब्बत रिहाई,
तो जाम-ए-मुहब्बत में रिहाई मिलाकर पिया करो। AfterLongTime #loveIsSettingFree
kiranpujari3203

Kiran Pujari

New Creator