मुहब्बत है किसीसे, तो उसे बाँधो मत, रिहा करो, इश्क कोई कैदखाना नहीं, ज़िंदगी है, जिया करो। कभी रिहाई मुहब्बत है, तो कभी मुहब्बत रिहाई, तो जाम-ए-मुहब्बत में रिहाई मिलाकर पिया करो। AfterLongTime #loveIsSettingFree