वो सरहद पर खड़ा जवान, भूल सबको हम सबकी रक्षा करता है अपनी धरती माँ के कारण, सगी माँ को भी वो छोड़ता है अपनी खुशिया त्यागकर वो, हम सब को खुशिया देता है हम सब की रक्षा में अपने, प्राणाॊ की बली तक दे देता है | वो किसी का भाई,किसी का बेटा , किसी का हमसफ़र होता है सबकी खुशियो में वो ,अपनी खुशी को भी भुला देता है अपने घर को त्यागकर वो, हम सब की रक्षा में रहता है सेल्युट है उस माँ जिसका वो प्यारा बेटा है| by :-akshita jangid (poetess) #फ़ोजी बेटा#सेल्युट #poetry#nojoto