मैं सदैव लिखना चाहती थी कुछ अलग सा.. जिसे पढ़ते ही ,तुम कह उठते वाह! मैं सदैव खुद को तुम्हारे मन में देखना चाहती थी .. जिसे सोचने से लबों पे आ जाती मुस्कान.. मैं सदैव दूर रहकर पास रहना चाहती थी कि तुम अनुभूत कर सको.. मेरी सादगी के रंगों को.. किंतु काश .. काश..ही रह जाता है, हां प्रेम का ये भी अनोखा रुप ठहरा.. #cinemagraph #तन्हाई मैं और मेरी तनहाई अक्सर ये बातें करते हैं ,तुम होते तो ये होता... #यूंहीबेख्यालीमें #एकख़याल #तूलिकाकेरंगं #यूंही #काशतुमसमझपाते