सब रूप ज़िन्दगी के देखे बस धूप छाँव का किस्सा है सब कहते हैं किस्मत जिसको अपनी कोशिश का हिस्सा है बीजी कितनी हरियाली है बाँटी कितनी खुशहाली है किन घरों के ताकों में तुमने सूरज की उम्मीद जगा दी है जिन ख़्वाबों को निगाहें तरसी हैं किन-किन आँखों में सजा दी है कब हाथ बढ़ाया है तुमने कब-कब ये मुठ्ठी बाँधी है कब कानों के धीरज ने बोलो होठों पर कली खिला दी है कब उलझ रहे जज़्बातों की गुत्थी हँसकर सुलझा दी है देखो कि शबनम फूलों पे ज़िन्दगी की तरह शबिस्ताँ हैं यों अरमानों के बोझ तले बेकार ही दिल ये पिसता है अहले अलम जागीरे ख़ुदी बस मुस्कानों का रिश्ता है सब रूप रौशनी के, सब रूप ज़िन्दगी के। #रूपज़िन्दगीके #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #toyou #yqsmile #yqnature #yqblessings