White यूं तो उनके जाने का मुझे और कोई गम ना था। बस यही था कि उन यादों से फिर रिहाई ना थी।। मैं यकीं कर लेता उनका खुद को ही गलत ठहरा कर। बस ये था कि उनकी नीयत में उतनी सफाई ना थी।। मैंने बदल लिया जब खुद का ही लहजा और मिजाज़। औरों के सलीकों से फिर कभी कोई रुसवाई ना थी।। खुद के तड़पने पर ही जब मेरे इस दिल को सुकून आया। तब जाना आखिर क्यों मेरे इस मर्ज की कहीं दवाई ना थी।। मैंने रुक जाना बेहतर जाना दर-ब-दर भटकने के बजाय। मुझे ख़बर थी कि मुझ जैसों की कहीं कोई सुनवाई ना थी।। यूं तो उनके जाने का मुझे और कोई गम ना था। बस यही था कि उन यादों से फिर रिहाई ना थी।। ...🥀💔🥺 ©Ak.writer_2.0 #Sad_Status