इन लोगों ने छल कपट के अलावा किया क्या है ? न्यायपालिका ( न्यायालय ) की अवमानना CONTEMPT of COURT ? आजकल, 2014 से जब से आर एस एस-राष्ट्र सर्वनाशी संघ और भाजपा सरकारों का भारत पर ग़ैर लोकतांत्रिक क़ब्जा हुआ है, देखने में आ रहा है कि सरकारों के ख़िलाफ़ अधिकतर मुकदमे निचली अदालतों में देश-द्रोहियों आर एस एस और भाजपा के ख़िलाफ़ जाते हैं लेकिन जब सरकारें सर्वोच्च न्यायालय (SC) में लेजाती हैं तो या तो किसी भी न्याय मूर्ति में साहस नही होता कि संविधान के दायरे में न्याय दे पाये चूंकि कोई भी न्याय मूरति जस्टिस लोया बनना नहीं चाहता बल्कि जस्टिस रंजन गोगोई बना रहना चाहता है कि न्याय पूर्ति के लिए तनिक भी बलिदान न देना पड़े या फिर न्यायालय की अवमानना का भय हर एक याचिका कर्ता के दिमाग़ पर सवार रहता है, यह खुला देशद्रोह नहीं तो क्या है? ©Mohammed Shamoon #SaurabhShuklaBirthday