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दिल्ली के चुनाव जब गुज़र जाएंगे, शाहीनबाग़ से तम्बू

दिल्ली के चुनाव जब गुज़र जाएंगे,
शाहीनबाग़ से तम्बू भी उतर जाएंगे।
दिल्ली में जो बन गई भाजपा सरकार,
यूपी की तरह सारे दंगाई सुधर जाएंगे।
जो बैठें है घेरकर सड़को को महीनों से,
वो भागकर अपने घरजाते नज़र आएंगे।
जो रखते है चाह देश के टुकड़े करने की,
वो हथकड़ियों में जकड़कर जेल जाएंगे।
जो खेल रहे शियासत महिलाओं के पीछे से
उनके ख्वाब टूटकर शीशे से बिख़र जाएंगे।
सब्रकर आलोक बस चन्द रोज़ की औऱ,
सबके चेहरों के नक़ाब भी उतर जाएंगे।
आलोक दुबे शाहीनबाग़...
दिल्ली के चुनाव जब गुज़र जाएंगे,
शाहीनबाग़ से तम्बू भी उतर जाएंगे।
दिल्ली में जो बन गई भाजपा सरकार,
यूपी की तरह सारे दंगाई सुधर जाएंगे।
जो बैठें है घेरकर सड़को को महीनों से,
वो भागकर अपने घरजाते नज़र आएंगे।
जो रखते है चाह देश के टुकड़े करने की,
वो हथकड़ियों में जकड़कर जेल जाएंगे।
जो खेल रहे शियासत महिलाओं के पीछे से
उनके ख्वाब टूटकर शीशे से बिख़र जाएंगे।
सब्रकर आलोक बस चन्द रोज़ की औऱ,
सबके चेहरों के नक़ाब भी उतर जाएंगे।
आलोक दुबे शाहीनबाग़...