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मजबूरियों का अपने हवाला देकर, छीन लिया मोहब्बत जैस

मजबूरियों का अपने हवाला देकर,
छीन लिया मोहब्बत जैसे गरीब को निवाला देकर

लम्बी उम्र की दुआ करते है वो मेरे लिए,
हाथों में मेरे ज़हर का प्याला देकर

शब जगमगाते थे मेरे जो जुगनुओं के रोशनी से,
कर दिया अंधेरा अब पल भर का उजाला देकर

देते थे कसमें जो कभी मय को हाथ लगाने पर,
गए तो गए हमें पूरी की पूरी मधुशाला देकर

लिखके ही जता सकता हूँ उनसे नाराजगी अपनी,
जुबां तो बंद किये है उन्होंने अपनी कसमों का ताला देकर

~ शिवांश       #urstrulyShiv

©Shivansh Srivastav #Stars
मजबूरियों का अपने हवाला देकर,
छीन लिया मोहब्बत जैसे गरीब को निवाला देकर

लम्बी उम्र की दुआ करते है वो मेरे लिए,
हाथों में मेरे ज़हर का प्याला देकर

शब जगमगाते थे मेरे जो जुगनुओं के रोशनी से,
कर दिया अंधेरा अब पल भर का उजाला देकर

देते थे कसमें जो कभी मय को हाथ लगाने पर,
गए तो गए हमें पूरी की पूरी मधुशाला देकर

लिखके ही जता सकता हूँ उनसे नाराजगी अपनी,
जुबां तो बंद किये है उन्होंने अपनी कसमों का ताला देकर

~ शिवांश       #urstrulyShiv

©Shivansh Srivastav #Stars