White जहाँ नहीं सामर्थ्य शोढ की, क्षमा वहाँ निष्फल है। गरल-घूँट पी जाने का मिस है, वाणी का छल है। फलक क्षमा का ओढ़ छिपाते जो अपनी कायरता, वे क्या जानें प्रज्वलित-प्राण नर की पौरुष-निर्भरता? वे क्या जाने नर में वह क्या असहनशील अनल है, जो लगते ही स्पर्श हृदय से सिर तक उठता बल है? ramdhari singh dinkar ©aditi the writer #sad_quotes आगाज़