जीत का जुनून है तो हार सोचना क्यूँ, जब ज़िंदगी है एक ही दो बार सोचना क्यूँ, मैं परिंदा क्यूँ बनू मुझे आसमान बनना है, मैं इक पन्ना क्यूँ रहूं मुझे दास्तान बनना है! ©Arjun kahar जीत का जुनून है तो हार सोचना क्यूँ जब ज़िंदगी है एक ही दो बार सोचना क्यूँ मैं परिंदा क्यूँ बनू मुझे आसमान बनना है मैं इक पन्ना क्यूँ रहूं