व्यक्तित्व की पहचान अटल, राष्ट्र का स्वाभिमान अटल बाधा विपदा जब भरपूर आई, घटा प्रलय की घनघोर छाई वो डरा नहीं वो झुका नहीं वो हारा नहीं वो रुका नहीं कर्तव्य पथ पर चलता रहा, चुनोतियो के आगे हसता रहा हुआ किंचित ना भयभीत वो, बढ़ता रहा जीत को मुश्किल दौर में भी रहा जो तन कर जैसे चट्टान अटल, व्यक्तित्व की पहचान अटल, राष्ट्र का स्वाभिमान अटल... सत्य का संघर्ष सत्ता से लड़ता रहा, अंधेरे को चुनौती दे खुद जलता रहा, भारत की नई पहचान लेकर लिख दिया जो विश्व पटल निर्भयता की पहचान अटल, राष्ट्र का स्वाभिमान अटल... राष्ट्र सेवा जन सेवा लिए जीवन में नए पथ, नई सोच पर होता रहा अग्रसर नव राष्ट्र नव निर्माण की चेतना लिए, राष्ट्र हित में रहा तत्पर सत्ता सरकारें आई कई, सत्ता सरकारें गई कई देश के लिए वो रहा अडिग , वो रहा अटल सुशासन की पहचान अटल, अडिगता का प्रमाण अटल नव भारत का निर्माता अटल, भारत की नई गाथा अटल... श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के व्यक्तित्व को दर्शाती कुछ पंक्तियां जो कि मैंने उनके 93वे जन्म दिवस पर लिखने का प्रयास किया। कोशिश की तो बहुत उस व्यक्तित्व को कुछ पंक्तियों में समेटने की परंतु अटल जी का व्यक्तित्व इतना बड़ा है कि शायद ही शब्दों में उसका बखान हो सके। श्री अटल बिहारी वाजपेई जी एक व्यक्ति, एक राजनेता, एक जननायक, एक लेखक, एक कवी, एक पत्रकार और ना जाने असंख्य कलाओं के धनी थे, वे एक युग में न होकर स्वयं में ही एक युग थे अटल जी का निधन एक युग का अंत है। इन्हीं कुछ पंक्तियों से श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को भावभीनी श्रद्धांजलि "व्यक्तित्व की पहचान अटल, राष्ट्र का स्वाभिमान अटल"। #ripatalji #atalbiharivajpeyee