मै खामोश सी पवन सा हुँ, और प्रचंड सा तूफान भी, मै झील का हुँ ठहरा जल, हुँ समुद्र का जवार भी, मै दीपक की लौ भी हुँ, हुँ ज्वालामुखी का ज्वाला भी, मै पूर्णिमा की रोशनी, हुँ अमावस सा मै काला भी, मै भरी सी किताब भी, मै साथ ही कागज कोर भी, मै शाम सा उदास भी, मै नित उत्साह का विभोर हुँ ना मै भीड़ हुँ ना मै शोर हुँ, मै इसीलिए कोई और हुँ, हाँ ना भीड़ हुँ ना शोर हुँ, मै इसलिए कोई और हुँ ll #Myquote #Nojotohindi #myself #mistry #life #koiaur #nishbd