बाँधे बंधन नेह के ,पावन रेशम डोर। खुशियों के त्यौहार में,भीगे मन का कोर।। तिलक सजा के शीश पर,बाँधे राखी हाथ, बहना दे आशीष ये ,....खुशियां तेरे साथ। मुश्किल में थामे रहो,.....उम्मीदों की डोर, खुशियों के त्यौहार में,भीगे मन का कोर।। बाँधे बंधन नेह के ,......पावन रेशम डोर।। पूरी रचना कैप्शन में पढ़ें #बंधन बाँधे बंधन नेह के ,पावन रेशम डोर। खुशियों के त्यौहार में,भीगे मन का कोर।। तिलक सजा के शीश पर,बाँधे राखी हाथ, बहना दे आशीष ये ,....खुशियां तेरे साथ। मुश्किल में थामे रहो,.....उम्मीदों की डोर,