बहुत ही सुन्दर पंक्तियां कैसे आये अब बाग में नन्ही कलियाँ कि भवरे घात लगाए हैं छिन कर उससे सुगंध उसकी अपना कर्तव्य बताए हैं । तन के काले देखो मन के भी काले हैं, शायद खिलती कलियों पर बल आज़मा कर ख़ुद ही भुनभुनाये हैं । तितलियाँ पंख त्यागे बैठीं है, हो बेरंग अंधेरे किसी कोने में कोयल भी भूल कर गुनगुनाना खामोशी ही अपनाए हैं । खिल जाओ अब कलियों देखो, भवरे गुम्म होने को हैं ओढ़ लो वो सुगंध अपनी जो तेरी पहचान बताएं हैं । फिर फैलाओ पंख तितलियों उड़ो बेधड़क आकाश में देखो अब बाग की कलियाँ फिर से तुम्हें बुलाएं है । रंग भरो जीवन में अपने अब मेरे देश की बेटीयों, कलियाँ, तितलियाँ, कोयल भी देखो अब खुल कर मुस्कुराएं हैं । written by RJ Raj Singh आज की ये सुंदर पंक्तियां मेरे भाई और मिशन मेम्बर RJ Raj Singh ji ने लिखीं है । बेटियों को हिम्मत और प्रेरणा देने वाली ये पंक्तियां जरूर पढ़े । #ekbetikiguhar #बेटियां #नया_सवेरा #नया_भारत #स्त्री #स्त्रीशक्ति #nazar sheetal pandya मेरे शब्द पंडित जी बनारस वाले😎😊