हमसफ़र हवाओं को हम नहीं बनाने वाले, हम जानते हैं न आयेंगे पलटकर कभी जाने वाले। क्या मिलेगा टूटे हुए सपनों के सिवा, बिखर ही जाते हैं अक्सर रेत पर चाँद की तस्वीर बनाने वाले। हम पिघल जायें कोई मोम का पुतला तो नहीं, खुद ही न जल जायें हमें हाथ लगाने वाले। जिंदा रहे अगर तो कहेगी दुनिया, कुछ और जोड़ दो अल्फाज़ दिल को छू जाने वाले। मर गये अगर कहीं हम तो ये कहा जायेगा, सो गये आज कलम से सबको जगाने वाले। ©Deepu #writting