कुछ स्मृतियां, यूं हो जाती है., स्मृति पटल पर अंकित., फिर असंभव होता है, किसी भी प्रकार का, अन्तर कर पाना., यथार्थ और स्मृतियों में.. फिर यथार्थ ही स्मृतियां है, और स्मृतियां ही यथार्थ.. ©Balram Bathra #स्मृतियां