एक दिन निकला सैर को,मेरे दिल में कुछ अरमान थे, एक तरफ थी झाड़ियां...., एक तरफ शमशान थे, पैर के तले एक हड्डी आई,उसके भी यही बयान थे, चलने वाले संभल के चलना, हम भी कभी इंसान थे। #बेवजह....।😞 लक्ष्य पाण्डेय #बेवजह_जिंदगी....... 😔