लिख रहा हूँ मैं जिसका अंजाम आज, कल उसका आगाज आयेगा मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लायेगा मैं रहूँ ना रहूँ, ये वादा है तुझसे मेरा मेरे बाद वतन पे मिटने वालों का सैलाब आयेगा सहीदे आजम