अरे छोड़ो ग़ैर की बातों को पर अपने तो अपने होते है सुना है यारो बगल में वो अब तकिया रख के सोते है , तजुर्बा नहीं है शायद उन्हें बर्बाद होने का......... इसलिए ही रातों में अब तो वो बिलख बिलख के रोते हैं