#सकारात्मक_विचार चेहरे पर दाग हों तो आईने का क्या कुसूर. आईने पर झुंझलाने या उसे साफ करने के बजाय हमें चेहरे यानी खुद पर ही ध्यान देना चाहिए. जिंदगी का फलसफा भी कुछ ऐसा ही है. थोड़ा खुद को बदलो,, दुनिया रंगीन नज़र आएगी, नहीं तो कसूर देना ही जीवन का ध्येय नहीं है.. जीवन बड़े अच्छे कर्मो का फल है, इसे जनमानस भाव मे अर्पित करना ही सबसे बड़ा पुण्य है..... ©Kshatriya Kuldeep Singh