जाने कितनी श्रेष्ठतम चीजें काल के गर्द में समा गई,,,, और कुछ चुनिंदा चीजें रह गई इतिहास के पन्नों में,,,, जो साक्षात घटा था वह इतिहास नहीं जो दिखाया गया है वह इतिहास है जो कुछ पन्नों में कैद हुआ स्मृतियों में छाप बन के रह गया हर चीज को प्रस्तुत किया बढ़ा चढ़ाकर,,सत्यता से दूर,,