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ज्येष्ठ माह की दोपहर भारी, सुख,चैन,छाँव,तलाश

   ज्येष्ठ माह की दोपहर भारी,
   सुख,चैन,छाँव,तलाश जारी ।
हर मौसम की लीला न्यारी,
   किन्तु ग्रीष्म से दुनिया हारी।
               पुष्पेन्द्र पंकज

©Pushpendra Pankaj
  #adventure हाय हाय गर्मी

#adventure हाय हाय गर्मी #कविता

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