हम भी बेहया निकले, उसी कूचे से हर दफ़ा निकले, पतंगे जलते रहे जिस चराग़ पर, उसकी उल्फ़त में ही शैदा निकले। हम आये थे सितारों की गली कि चाँद का दीदार होगा, चाँद ने पर्दे गिरा लिये ये कह कर कि, आज तो अमावस है। कूचा : गली/मुहल्ला उल्फ़त : प्रेम शैदा : प्रेम में पागल #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #2liners #behaya #ishq