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*🪔“सुविचार"*🪔 🖊️*“10/9/2021”*🖋️ 📘✨*“ शुक्रवा

*🪔“सुविचार"*🪔 
🖊️*“10/9/2021”*🖋️
📘✨*“ शुक्रवार”*✨📙

इस “जीवन” के हमारे दो “साथी” है
एक “अंधकार” है और एक है “प्रकाश” 
अब यदि “अंधकार” में यदि हम 
“दीपक” प्रज्वलित करते है “प्रकाश” के लिए,
तो “अंधकार” हमसे “रूष्ट” होकर चला जाता है अब यदि “अंधकार” को मनाने जाओ 
तो “प्रकाश” रूष्ट होकर हमसे दूर चला जाता है,
ये वैसी “परिस्थिति” है कि जैसे हमारे दो “मित्र” है जिनकी आपस नहीं बनती,
क्योंकि एक को “मनाने” या “प्रसन्न” करने जाओ 
तो दूसरा “रूष्ट” हो ही जाता है,
ऐसे में आपको “समझदारी” दिखानी है 
कि कब किसका “साथ देना” है,
कि कब किसके “साथ चलना” है,
हो सके तो सबको साथ लेकर ही चलिए यदि किसी की “आपस” में नहीं बनती,तो उनमें “सामंजस्य” बिठा के “संसार की रीति निती” का “शस्त्र” चलाना है,
यहीं तो “मनुष्य” जीवन है अब भला
 ये कैसे किया जाता है केवल “प्रेम” से,
तो इसी प्रकार “ प्रेमपूर्ण व्यवहार” से
 सभी को जोड़कर रखेंगे तो 
सभी “खुश” भी अवश्य रहेंगे...
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝*

©Atul Sharma *🪔“सुविचार"*🪔 
🖊️ *“10/9/2021”*🖋️
📘✨ *“ शुक्रवार”*✨📙

#“जीवन”  

#“दो साथी”
*🪔“सुविचार"*🪔 
🖊️*“10/9/2021”*🖋️
📘✨*“ शुक्रवार”*✨📙

इस “जीवन” के हमारे दो “साथी” है
एक “अंधकार” है और एक है “प्रकाश” 
अब यदि “अंधकार” में यदि हम 
“दीपक” प्रज्वलित करते है “प्रकाश” के लिए,
तो “अंधकार” हमसे “रूष्ट” होकर चला जाता है अब यदि “अंधकार” को मनाने जाओ 
तो “प्रकाश” रूष्ट होकर हमसे दूर चला जाता है,
ये वैसी “परिस्थिति” है कि जैसे हमारे दो “मित्र” है जिनकी आपस नहीं बनती,
क्योंकि एक को “मनाने” या “प्रसन्न” करने जाओ 
तो दूसरा “रूष्ट” हो ही जाता है,
ऐसे में आपको “समझदारी” दिखानी है 
कि कब किसका “साथ देना” है,
कि कब किसके “साथ चलना” है,
हो सके तो सबको साथ लेकर ही चलिए यदि किसी की “आपस” में नहीं बनती,तो उनमें “सामंजस्य” बिठा के “संसार की रीति निती” का “शस्त्र” चलाना है,
यहीं तो “मनुष्य” जीवन है अब भला
 ये कैसे किया जाता है केवल “प्रेम” से,
तो इसी प्रकार “ प्रेमपूर्ण व्यवहार” से
 सभी को जोड़कर रखेंगे तो 
सभी “खुश” भी अवश्य रहेंगे...
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝*

©Atul Sharma *🪔“सुविचार"*🪔 
🖊️ *“10/9/2021”*🖋️
📘✨ *“ शुक्रवार”*✨📙

#“जीवन”  

#“दो साथी”
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Atul Sharma

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