जागो और जगाओ सड़कें हुई सुनसान, गांव-शहर विरान आदमी परेशान...... ये कैसा कोहराम , ये कैसा कोहराम? आज मानव के लिये, बना ये प्रश्न विराम कौन इसको ठीक करे........? बना हुआ समसान, यह बना हुआ समसान। चलो बैठकर सोचे, न करो अब आराम दर्द वो समझे, जो दर्द से गुजरा...... है सब हलाकान, है सब हलाकान। हँसी मजाक का नहीं, कहाँ ये समय आसान गम्भीर हम बनकर... करे कार्य महान, तभी थमेगा यह मंजर विरान चलो छेड़े अभियान, चलो छेड़े अभियान। आपका tkd #Mobikwik customer care 8159812924# Just Dial