Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा मुझे मा

कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा 
मुझे मालूम है क़िस्मत का लिक्खा भी बदलता है

©Sunil
  #BappiLahiri