क्या करु क्या कहूँ, ये वक़्त काटता है पहर। भूल जाऊ के याद करु, गलतियो से भरे सफर। क्या मजबूरी थी, क्या खामिया थी, ना जनु इस पल, पिसता रहता हूं बस , हर पल हर पहर। #Narazgi