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अंतर राष्ट्रीय मनुज दिवस पर, सब उठ चलो मनाने को। म

अंतर राष्ट्रीय मनुज दिवस पर, सब उठ चलो मनाने को।
मानव मन में मानवता का, सबको पाठ पढ़ाने को।।
बिन मानवता मानव का मन, आदम ही रह जाता है।
दिन में घर में चाकरी करता, रात्रि में माल उड़ाता है।।
वर्षों ऐसा ही करता है, जब तक पकड़ा नहीं जाता है।
किन्तु भेद खुल जाने से, वह हवा जेल की खाता है।।
सच ऐसा आदम कभी नहीं, मानव श्रेणी में आपाता है।
ये अंतर राष्ट्रीय मनुज दिवस, सबको ये ही समझाता है।।
अधिकार समान जो पाने हैं, कर्तव्य करो सिखलाता है।
धन्यवाद।

©bhishma pratap singh #अंतरराष्ट्रीय मानव दिवस#हिन्दी कविता#काव्य संकलन#भीष्म प्रताप सिंह
#समाज_और_संस्कृति #internationalmensday#नवंबर क्रिएटर
अंतर राष्ट्रीय मनुज दिवस पर, सब उठ चलो मनाने को।
मानव मन में मानवता का, सबको पाठ पढ़ाने को।।
बिन मानवता मानव का मन, आदम ही रह जाता है।
दिन में घर में चाकरी करता, रात्रि में माल उड़ाता है।।
वर्षों ऐसा ही करता है, जब तक पकड़ा नहीं जाता है।
किन्तु भेद खुल जाने से, वह हवा जेल की खाता है।।
सच ऐसा आदम कभी नहीं, मानव श्रेणी में आपाता है।
ये अंतर राष्ट्रीय मनुज दिवस, सबको ये ही समझाता है।।
अधिकार समान जो पाने हैं, कर्तव्य करो सिखलाता है।
धन्यवाद।

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