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सुख बंजर भूमि पर पानी की बूंद पड़ी हो जैसे और दुः

सुख बंजर भूमि पर 
पानी की बूंद पड़ी हो जैसे
और दुःख लहलाहती फसल पर 
पाला पड़ा हो जैसे
क्षण भर का दुःख है
क्षण भर का सुख है
लेकिन अंगद के पांव की जैसी है 
यादें …अचल

©Beena Kumari  प्रेरणादायी कविता हिंदी
सुख बंजर भूमि पर 
पानी की बूंद पड़ी हो जैसे
और दुःख लहलाहती फसल पर 
पाला पड़ा हो जैसे
क्षण भर का दुःख है
क्षण भर का सुख है
लेकिन अंगद के पांव की जैसी है 
यादें …अचल

©Beena Kumari  प्रेरणादायी कविता हिंदी
beenakumari3732

Beena Kumari

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