आखिर तू कब तक जलेगी तू कब तक मरेगी और तू कब तक तड़पेगी तेरा भी वजूद है, फैसला तुझे लेना है , आखिर तू कब तक सहेगी तू अपने लिए जी सामने देख तो सही तेरे अपने खड़े है , तू हिम्मत तो रख बता अपनी पूरी बात तू किससे डर रही है, जब तेरी कोई परवाह नहीं कर रहा , तो तू क्यों मर रही है आखिरी रास्ता सिर्फ मरना नहीं चुप होकर सहना नहीं है सबकुछ अच्छा चल रहा है ,ये कहना नहीं है मम्मी पापा तेरे साथ है, तो फिर डरने की क्या बात है माना परवाह है ,तुझे घर परिवार की लेकिन जहां तेरी कदर नहीं तो फिर क्यों ये रिश्ता निभा रही है तू याद कर तेरी बचपन की यादे , जब तेरी एक खुशी के लिए अपने गम भूल जाते तेरे कदमों की आहट को माता पिता पहचानते, भैया तुझे कंधो पे बैठालता यहां वहां की कहानी सुनाता बहनों के साथ तू वक्त बिताती गलती तू इतनी हुई की तेरे लिए सब कुछ परख कर लिया सामान बाजारों से लेकिन पहचान ना पाए इन नखली चेहरों के पीछे छुपे इंसानों को बिटिया रानी कहते थकती नहीं थी , इनकी जुबान ले जा रहे है , उस बच्ची की लाश क्या गुजर रही होगी उस माता पिता जिन्होंने कन्या दान किया पर हैवानों ने इसका दह संस्कार किया #womenpower #womenpoetry #Avaj