रख पास तेरे ये महल दुमहले मुझे मेरी कुटिया हि प्यारी है दौलत शौहरत माना पास तेरे है मगर चैन कि नींद को फिर भी तू तरसे है मैं मेरी कुटिया में ज़मीन पे सोता हूँ फिर भी चैन कि नींद आती है तू दौलत को जोड़े दिन रात फिर भी बेचैन है मेरी माँ के कदमों में ही मेरा सारा खजाना है मैं क्यों फिर भागू दौलत कि चमक के पिछे #कुटिया #reading