कि बेवजह मारने की भी किसी को कोई वजह होनी चाहिए, और तुमने तो मारा है एक मां को तुम्हारे लिए कौनसी सज़ा होनी चाहिए, ख़ामोश हैं ये कुछ कर नहीं सकते, अपने हक़ के लिए ये लड़ नहीं सकते, महामारी बड़ी ये भूख ले आई है, कुछ खाने की गुज़ारिश ये कर नहीं सकते, मासूम सी इनकी आखें हैं , इक आस में हर घर झाकें हैं, कि भूखे बच्चे भी उनके बिलखते होंगें, कुछ खाने को हर पल तरसते होंगे, क्या एक छोटा सा काम तुमकर नहीं सकते,बची हुई बासी रोटी घर के बाहर रख नहीं सकते, माना मुश्किल समय है सबका बहुत, लेकिन अपने साथ तुम इनका पेट भर नहीं सकते, ए मालिक उन्हें बता देना उनको यह समझा देना, शायद हो इनसे अनजान या फिर उनकी नादानी है, प्रकृति के सम्पर्क में रहते हैं फिर क्यूं दुनिया अनजानी है, कुछ अर्थों में समझदार और कुछ में वो बेचारे है, ये मूक जानवर हैं किन्तु ये आधार हमारे हैं, और मेरा तो कर्तव्य अटल इनको मुझे बचाना है, और जो पशुप्रेम विरोधी हैं उनको यह समझाना है, कि इंसान होकर जो हैवानियत तूने इन पर दिखाई है, ये विकट समय है दुनियां का जो ऐसी विपदा अाई है!!! PRINCE TENDURIYA https://www.facebook.com/TENDURIYA/ #prince_tenduriya #shayri #shayari #lovequotes #love #ishq #shayar #mohabbat #poetry #RIPHUMANITY Sir Abid Aayan Wattoo gajendra singh Sivansh dubey Amardeep Jaiswal Shivam Saavariya