White दर्द को तोड़कर ग़मों को मरोड़कर खुशियाँ निचोड़कर जीवन महकाना है। थोड़ी सी तीखी हो थोड़ी सी मीठी हो थोड़ी चटपटी हो जीवन में स्वाद भरना है। कभी ऊँचाइयों से और न गहराइयों से नाज़ुक समय की परछाइयों से न घबराना है। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #नहीं