विदाई pc: Google आज भी कुछ लड़कियां होती हैं जो रो पड़ती हैं अपनी विदाई में... फर्क नहीं पड़ता कि शादी अरेंज हुई है या लव। स्वाभिमान और स्वावलंबन का मतलब पत्थर दिल होना नहीं होता है। चाची, मामियां और मौसियां देखकर मुंह बनाती हैं कि आजकल कौन रोता है, सब दिखावा है। उधर, बुआ फूफा की अलग गुफ्तगू चल रही होती है कि आखिर बात क्या है जो ऐसे रो रही है बच्ची।