मांझी तेरी कश़्ती के तलबग़ार बहुत हैं, इस पार कुछ मगर उस पार बहुत हैं जिस शह़र में खोली है,तूने शीशे की दुकान उस शहर में पत्थर के ख़रीददार बहुत है।। #talbgar